रिमोट सेंसिंग: अर्थ और परिभाषा
सुदूर संवेदन दो शब्दों से मिलकर बना है,
सुदूर + संवेदन
सुदूर का अर्थ होता है दूरी एवं संवेदन का अर्थ है अवलोकन,
अर्थात, सुदूर संवेदन का अर्थ है ‘किसी उपयुक्त उपकरण / प्लेटफॉर्म की सहायता से किसी वस्तु या घटना को दूर से ही अनुभव करना।
कोलवेल 1984 के अनुसार “रिमोट सेंसिंग किसी वस्तु को बिना छुए उसके बारे में डेटा प्राप्त करना है।”
अमेरिकन सोसाइटी ऑफ फोटोग्रामेट्री, 1952; 1966 के अनुसार “फोटोग्राफी का उपयोग करके विश्वसनीय माप प्राप्त करने की कला या विज्ञान।”
“1988 में, ASPRS ने फोटोग्रामेट्री और सुदूर संवेदन की एक संयुक्त परिभाषा को अपनाया”

फोटोग्रामेट्री और सुदूर संवेदन गैर-संपर्क सेंसर सिस्टम से प्राप्त ऊर्जा पैटर्न की अभिलेखन (रिकॉर्डिंग), माप और व्याख्या के माध्यम से भौतिक वस्तुओं और पर्यावरण के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने की कला, विज्ञान और तकनीक है।
सुदूर संवेदन उपकरण किसी वस्तु या घटना के बारे में सेंसर सिस्टम के तात्कालिक-क्षेत्र-दृश्य (IFOV) के भीतर सीधे भौतिक संपर्क में आए बिना जानकारी एकत्र करता है। सुदूर संवेदन उपकरण भूमि से कुछ मीटर ऊपर और किसी विमान या उपग्रह प्लेटफॉर्म पर स्थित हो सकता है।
रिमोट सेंसिंग डेटा के लाभ
- विभिन्न तरंग बैंड में उपयोगी जानकारी प्रदान करें।
- विशाल क्षेत्र कवरेज।
- दोहरावदार कवरेज, कृषि जैसे गतिशील विषयों की निगरानी के लिए प्रदान करता है।
- सरल डेटा अधिग्रहण।
- क्षेत्र कार्य की मात्रा को कम करना।
- त्रिविम उपग्रह डेटा का उपयोग त्रि-आयामी (3D) अध्ययनों के लिए किया जा सकता है।
रिमोट सेंसिंग डेटा कुी हानि
- छोटे क्षेत्रों के लिए अधिक लागत व्यय करना।
- छवियों के विश्लेषण के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यक होना।
- बार-बार फोटो की आवश्यकता होने पर वायव(एरियल) फोटोग्राफ पर अधिक व्यय करना।
रिमोट सेंसिंग प्रणाली के चरण
- विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा की उत्पत्ति (सेंसर द्वारा किया गया सूर्य ट्रांसमीटर)।
- पृथ्वी के वातावरण से ऊर्जा का संचरण।
- पृथ्वी की सतह (परावर्तन/अवशोषण/संचरण) और स्व-उत्सर्जन के साथ ऊर्जा की परस्पर क्रिया।
- रिमोट सेंसर (संवेदक) को परावर्तन/उत्सर्जित ऊर्जा का संचरण।
- सेंसर द्वारा ऊर्जा का पता लगाना, और इसको एक चित्र में परिवर्तित करना, जो डिजिटल या एनालॉग रूप में हो सकता है।
- उत्पाद संवेदक (सेंसर आउटपुट) का संचारण /.अभिलेखन(रिकॉर्डिंग)।
- डेटा का पूर्व-प्रक्रमण (प्री-प्रोसेसिंग) और डेटा उत्पादों का निर्माण।
- धरातलीय वास्तविकता और अन्य संपार्श्विक जानकारी का संग्रह।
- डेटा विश्लेषण और 10 विभिन्न विषयों या अन्य अनुप्रयोगों की व्याख्या।
